Sarvanam Kise Kahate Hain– सर्वनाम उस विकारी शब्द को कहते हैं, जो किसी नाम के बदले में अर्थात् किसी भी संज्ञा के बदले प्रयुक्त होता है। दूसरे शब्दों में, सब नामों (संज्ञाओं) के बदले जो शब्द प्रयोग में आते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। जैसे– मैं, तू, यह,वह।
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Sarvnam Kise kahate Hain (Pronoun)
व्याकरणविद् मतानुसार ‘सर्वनाम में एक विशेष विलक्षणता होती है, जो संज्ञा में नहीं पायी जाती। संज्ञा में सदैव उसी वस्तु का बोध होता है, जिसका वह (संज्ञा) नाम है, परन्तु सर्वनाम से पूर्वापर संबंध के अनुसार किसी भी वस्तु का बोध हो सकता है। ‘लड़का’ संज्ञा से ‘लड़के’ का ही बोध होता है, घर, सड़क आदि का बोध नहीं हो सकता, किन्तु ‘वह’ कहने से पूर्वापर संबंध ‘वह’ लड़का, घर, सड़क आदि किसी भी वस्तु का बोध हो सकता है।
Sarvanam ke Bhed
सर्वनाम के भेद (Pronoun)
- पुरुषवाचक (उत्तम, मध्यम, अन्य)
- निश्चयवाचक (यह, ये, वह, वे)
- अनिश्चयवाचक (कोई, कुछ)
- प्रश्नवाचक (कौन, क्या)
- संबंधवाचक (जो, सो)
- निजवाचक (आप, स्वयं, स्वयं)
Purushvachak Sarvanam Kise Kahate hain
पुरुषवाचक सर्वनाम
पुरुषवाचक सर्वनाम उसे कहते हैं जो शब्द पुरुष और स्त्री दोनों के नाम के बदले में आते हैं। पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं – प्रथम पुरुष या उत्तम पुरुष में लेखक या वक्ता आता है, मध्यम पुरुष में पाठक या श्रोता और अन्य पुरुष में लेखक और श्रोता को छोड़कर अन्य लोग आते हैं। जैसे-
- उत्तम/प्रथम पुरुष – मैं, हम
- मध्यम पुरुष – तू, तुम, आप
- अन्य पुरुष – वह, वे, यह, ये
Nishchay Vachak Sarvanam Kise Kahate Hain
निश्चयवाचक सर्वनाम
निश्चयवाचक सर्वनाम उसे कहते हैं जिस सर्वनाम शब्द से वक्ता के पास अथवा दूर की किसी वस्तु का बोध होता है। जैसे–यह, वह, ये, वे।
इनके प्रयोग के कुछ उदाहरण दृष्टव्य हैं–
यह किसका कोट है? (निकट की वस्तु के लिए)
वह कौन रो रहा है? (दूर की वस्तु के लिए)
Anishchay Vachak Sarvanam Kise Kahate Hain
अनिश्चयवाचक सर्वनाम
अनिश्चयवाचक सर्वनाम उसे कहते हैं जिससे किसी निश्चित वस्तु या प्राणी का बोध न हो। अनिश्चयवाचक सर्वनाम शब्द केवल दो होते हैं-‘कोई‘ और ‘कुछ‘। ‘कोई’ शब्द पुरुष के लिए और ‘कुछ’ शब्द पदार्थ या उसके गुण-धर्म के लिए आता है। ‘कोई‘ का प्रयोग एकवचन और बहुवचन दोनों में होता है, लेकिन ‘कुछ‘ का प्रयोग एकवचन में होता है।
उदाहरण
- 1. देखो, दरवाजे पर कोई खड़ा है।
- 2. आज कोई-न-कोई अवश्य आएगा।
- 3. कोई कुछ कहता है, कोई कुछ।
- 4. कोई दूसरा होता तो मैं देख लेता।
Prashna Vachak Sarvanam Kise Kahate Hain
प्रश्नवाचक सर्वनाम
प्राणी या वस्तु के सन्दर्भ में प्रश्न करने वाले सर्वनाम प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं। ये दो हैं-‘कौन’ और ‘क्या’। ‘कौन’ व्यक्तियों के लिए और ‘क्या’ वस्तु या उसके गुण-धर्म के लिए प्रयुक्त होता है।
उदाहरण
- 1. दरवाजे पर कौन खड़ा है?
- 2. बरात में कौन-कौन आया था?
- 3. मुझे रोकने वाले तुम कौन हो?
- 4. इसमें नाराज होने वाली कौन-सी बात है?
- 5. मैं किस-किस से पूछु?
- 6. क्या गाड़ी चली गई?
Sambandh Vachak Sarvanam Kise Kahate Hain
संबंधवाचक सर्वनाम
संबंधवाचक सर्वनाम उसे कहते हैं, जिस सर्वनाम शब्द से वाक्य में किसी दूसरे सर्वनाम से संबंध का बोध हो। जैसेकि– जो, सो। ‘जो‘ के साथ ‘वह’ या ‘सो‘ का प्रयोग प्रायः होता है।
उदाहरण
- 1. जो बोले सो निहाल।
- 2. क्या हुआ जो इस बार जीत गए।
- 3. किसी में इतना साहस नहीं कि, जो उसका पुरजोर विरोध कर सके।
- 4. वह कौन-सा काम है, जो तुम नहीं कर सकते।
Nijvachak Sarvanam Kise Kahate Hain
निजवाचक सर्वनाम
निजवाचक सर्वनाम का रूप ‘आप’ है। पुरुषवाचक सर्वनाम भी ‘आप’ है। किन्तु दोनों के अर्थ और प्रयोग में अन्तर है। पुरुषवाचक ‘आप’ बहुवचन में आदर के लिए प्रयोग किया जाता है। जैसे-आप आए, हमारा सौभाग्य है। किन्तु निजवाचक ‘आप’ से ‘स्वयं’ या ‘निजता’ का बोध होता है। जैसे-आप भला तो जग भला। यह काम आप ही हो गया।
उदाहरण
निजवाचक सर्वनाम ‘आप‘ का प्रयोग निम्नलिखित रूपों में होता है–
- 1. ‘आप‘ के साथ ‘ही‘ – मैं तो अपने आप ही आ रहा था।
- 2. ‘आप‘ के साथ ‘अपने‘ – कोई अपने-आप नहीं सुधरता। सुधारना पड़ता है।
- 3. सर्वसाधारण के रूप में – अपने से बड़ों का हमेशा आदर करना चाहिए।
- 4. ‘आप‘ के साथ ‘स्वयं‘ ‘स्वतः‘ या ‘खुद‘ – आप स्वयं समझ जायेंगे। आप खुद आकर देख लीजिए।
- 5. ‘आप‘ के साथ ‘आप से आप‘ जोड़कर – मेरा हृदय आप से आप उमड़ पड़ा।
Pronoun Rules
सर्वनाम प्रयोग के प्रमुख नियम
- सर्वनाम विकारी शब्द है, क्योंकि इसमें पुरुष, वचन और कारक की दृष्टि से परिवर्तन होता है। जैसे-वह (एकवचन), वे (बहुवचन)। सर्वनाम में लिंग-भेद के कारण परिवर्तन नहीं होता।
जैसे– वह खाता है (पुल्लिंग)। वह खाती है (स्त्रीलिंग)।
2. सर्वनाम में केवल सात कारक होते हैं। सम्बोधन कारक नहीं होता। कारक की विभक्तियाँ लगने से सर्वनाम में रूपान्तरण होता है। जैसे
- मैं – मुझे, मुझको, मुझसे, मेरा।
- तुम – तुम्हें, तुम्हारा, तुम्हारे ।
- हम – हमें, हमारा, हमारे।
- बह – उसने, उसको, उसे, उससे, उसमें, उन्होंने।
- बह – इसने, इसे, इससे, इन्होंने, इन्हें, इनको, इससे।
- कौन – किसने, किसको, किसे।
Sarvanamik Visheshan
सर्वनाम तथा सार्वनामिक विशेषण
निश्चयवाचक शब्द (यह, वह), अनिश्चयवाचक शब्द (कोई, कुछ) तथा प्रश्नवाचक शब्द (कौन, क्या, कौन-सी) आदि सभी सर्वनाम सार्वनामिक विशेषण के रूप में भी प्रयुक्त होते हैं, इसलिए सर्वनाम तथा सार्वनामिक विशेषणों में अन्तर को ध्यान में रखना चाहिए।
ध्यान रखिए– यदि ये संज्ञा के स्थान पर आ रहे हैं, तो ‘सर्वनाम‘ होंगे, जैसे–
- 1. मैं यह चाहता हूँ कि आप भी मेरे साथ चलें। (निश्चयवाचक सर्वनाम)
- 2. घंटी बजी है, कोई आया है। (अनिश्चयवाचक सर्वनाम)
- 3. कौन बुला रहा है? (प्रश्नवाचक सर्वनाम)
इन तीनों वाक्यों में यह, कोई, कौन किसी–न–किसी संज्ञा द्वारा स्थानापन किए जा सकते हैं, जैसे–
- (क) मैं नौकरी चाहता हूँ।
- (ख) घंटी बजी है, मोहन आया है।
- (ग) मदन बुला रहा है।
जब ये सर्वनाम किसी संज्ञा के पूर्व लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं, तब सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं-
- 1. मैं यह किताब (खरीदना) चाहता हूँ। (सार्वनामिक विशेषण)
- 2. घंटी बजी है, कोई लड़का आया है। (सार्वनामिक विशेषण)
- 3. कौन लड़का तुमसे बात करेगा? (सार्वनामिक विशेषण)
सर्वनाम की रूप रचना
सर्वनामों में परसगों के प्रभाव से रूप परिवर्तन होता है। विभिन्न सर्वनाम के निम्नलिखित चार रूपावली वर्ग बनाए जा सकते हैं-
- 1. रूपावली वर्ग – I पुरुषवाचक सर्वनाम
- 2. रूपावली वर्ग – II कथनवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक
- 3. रूपावली वर्ग – III अनिश्चयवाचक
- 4. रूपावली वर्ग – IV निजवाचक
Purushvachak Sarvanam
रूपावली वर्ग – I पुरुषवाचक सर्वनाम
विभक्ति | एकवचन | बहुवचन | |||||
प्रथम पुरुष | मध्यम पुरुष | अन्य पुरुष | प्रथम पुरुष | मध्यम पुरुष | अन्य पुरुष | ||
मूल रूप | मैं | तू | वह | हम | तुम या आप | वे | |
ने | मैंने | तूने | उसने | हमने | तुमन/आपने | उन्होंने | |
तिर्यक (कारक चिन्ह) | से,में, पर | मुझसे, मुझमें, मुझपर | तुझसे, तुझमें, तुझपर | उससे, उसमें, उसपर | हमसे, हममें, हम पर | तुझसे, तुममें, तुमपर, आपमें, आप पर | उनसे, उनमें, उनपर |
को | मुझे, मुझको | तुझे, तुझको | उसे, उसको | हमें, हमको | तुम्हें, तुमको, आपको | उन्हें, उनको | |
संबंधवाची | का, के, की, रा, रे, री | मेरा, मेरी, मेरे | तेरा, तेरी, तेरे | उसका, उसकी, उसके | हमारा, हमारी, हमारे | तुम्हारा,तुम्हारी, तुम्हारे | उनका, उनकी, उनके |
Sambandh Vachak Sarvanam
रूपावली वर्ग – II कथनवाचक, प्रश्नवाचक, संबंधवाचक
विभक्ति | एकवचन | बहुवचन | |||||
निश्चयवाचक | प्रश्नवाचक | संबंधवाचक | निश्चयवाचक | प्रश्नवाचक | संबंधवाचक | ||
मूल | यह, वह | कौन, क्या | जो | ये, वे | कौन, क्या | जो | |
ने | इसने, उसने | किसने | जिसने | इन्होने, उन्होंने | किन्होने | जिन्होंने | |
तिर्यक (कारक चिन्ह) | से,में, पर | इससे, इसमें, इस पर, उससे, उसमें, उसपर | किससे, किसमें, किसे, किस पर | जिससे, जिसमें, जिसपर | इनसे, उनसे, इनमें, उनमें, इनपर, उनपर | किनसे, किनमें, किनपर | जिनसे, जिनमें, जिनपर |
को | इसको, इसे, उसको, उसे | किसको, किसे | जिसको, जिसे | इनको, इन्हें, उनको, उन्हें | किनको, किन्हें | जिनको, जिन्हें | |
संबंधवाची | का, के, की | इसका, इसकी, इसके, उसका, उसकी, उसके | किसका, किसके, किसकी | जिसका, जिसकी, जिसे | इनका, उनका, इनकी, उनकी, इनके, उनके | किनका | जिनका |
Anishchay Vachak Sarvanam
रूपावली वर्ग – III अनिश्चयवाचक
विभक्ति | एकवचन | बहुवचन | ||||
मूल | कोई | कुछ | कोई | कुछ | ||
तिर्यक (कारक चिन्ह) | ने, से, को, में, पर | किसी ने, किसी से, किसी को, किसी में, किसी पर | किसी + परसर्ग | कुछ | किन्ही ने, किन्हीं से, किन्हीं को, किन्हीं में, किन्हीं पर | कुछ |
संबंधवाची | का, के, की | किसी का, किसी के, किसी की | किसी + परसर्ग | कुछ | किन्ही का, किन्हीं के, किन्हीं की | कुछ |
Nijvachak Sarvanam
रूपावली वर्ग – IV निजवाचक
विभक्ति | एकवचन | बहुवचन | |
मूल | (अपने) आप, स्वयं | (अपने) आप, स्वयं | |
तिर्यक (कारक चिन्ह) | ने, से, को, में, पर | (अपने) आप से – स्वयं से, (अपने) आप पर – स्वयं पर, (अपने) आप में – स्वयं में, (अपने) आप को – स्वयं को | (अपने) आप से – स्वयं से, (अपने) आप पर – स्वयं पर, (अपने) आप में – स्वयं में, (अपने) आप को – स्वयं को |
संबंधवाची | ना, ने, नी | अपना, अपने, अपनी | अपना, अपने, अपनी |
सर्वनाम की रूप रचना संबंधी कुछ महत्त्वपूर्ण बिन्दु
संज्ञा की भाँति सर्वनाम लिंग के अनुसार परिवर्तित नहीं होते। सर्वनाम वाले वाक्यों में लिंग का पता क्रिया के रूप से लगता है, जैसे–
- 1. लड़का दौड़ रहा था, वह गिर गया।
- 2. लड़की दौड़ रही थी, वह गिर गई।
उपर्युक्त दोनों ही वाक्यों में पुल्लिंग कर्ता ‘लड़का’ तथा स्त्रीलिंग कर्ता ‘लड़की’ के लिए ‘वह’ सर्वनाम का ही प्रयोग हुआ है।
क्रिया के रूप ‘गिर गया/गिर गई’ से पता चल रहा है कि कौन-सा “वह” पुल्लिंगवाची है और कौन-सा स्त्रीलिंगवाची।
‘आप’ सर्वनाम को छोड़कर लगभग सभी सर्वनामों के ‘को’ परसर्ग वाले दो-दो रूप मिलते हैं। जैसे-
सर्वनाम – परसर्ग | सर्वनाम – परसर्ग |
मुझको – मुझे तुमको – तुम्हें तुझको – तुझे हमको – हमें उसको – उसे उनको – उन्हें | इसको – इसे इनको – इन्हें जिसको – जिसे किनको – किन्हें किसको – किसे जिनको – जिन्हें |
मैं. तू. तुम तथा हम सर्वनाम शब्दों के कुछ अशुद्ध रूप हिन्दी में प्रयोग किए जा रहे हैं।
जैसे–
भेरे को, तेरे को, तुम्हारे को, हमारे को। इन अशुद्ध रूपों से बचना चाहिए तथा इनके स्थान पर तुझको – तुझे, मुझको- मुझे. तुमको – तुम्हें तथा हमको – हमें, रूपों का ही प्रयोग करना चाहिए।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम ‘कुछ’ (एकवचन) परिमाण और संख्या दोनों का बोध कराता है, जैसे-
- 1. आपके घर में तो इतना दूध-घी होता है, कुछ हमारे यहाँ भी भिजवा दिया कीजिए। (परिमाणवाची)
- 2. आपके घर में इतने मेहमान आए हैं. कुछ को हमारे यहाँ भेज दीजिए। (संख्यावाची)
प्रायः सभी सर्वनाम रूपों के साथ ‘ही‘ अव्यय जोड़ा जा सकता है, जैसे–
- 1. तुम ही को जाना होगा।
- 2. उसे ही दूध नहीं मिला।
- 3. हमें ही क्यों परेशान करते हो?
सर्वनाम के साथ परसर्ग तथा ‘ही‘ का योग दो प्रकार से हो सकता है–
(क) सर्वनाम + परसर्ग + ही
- 1. तुम्हारे लिए ही तो मैं यहाँ आया हूँ।
- 2. मुझे ही सब लोग क्यों याद करते हैं?
(ख) सर्वनाम + ही + परसर्ग
जैसे-मुझी को, उसी को आदि। इस स्थिति में ‘ही’ अव्यय सर्वनाम के साथ संयुक्त हो जाता है, जैसे–
सर्वनाम + ही + परसर्ग | सर्वनाम + ही + परसर्ग |
मुझ + ही → मुझी तुम + ही → तुम्हीं उस + ही → उसी उन + ही → उन्हीं तुम + ही → तुम्ही | इन + ही → इन्हीं इस + ही → इसी किन + ही →किन्हीं किस ही → किसी |
* सर्वनाम शब्दों का सम्बोधन रूप नहीं बनता।
सर्वनाम : पुनरुक्ति तथा संयुक्त रूप
हिन्दी में बहुत से सर्वनाम ऐसे हैं, जिनको पुनरुक्ति के रूप में उच्चारित किया जाता है तथा कुछ को संयुक्त रूप में। इससे अर्थ में विशिष्टता आ जाती है। जैसे–
पुनरुक्त रूप
पुनरुक्त रूपों में उसी सर्वनाम की दुबारा आवृत्ति होती है। जैसे-
उदाहरण
सर्वनाम | पुनरुक्त रूप |
1. जो-जो | जो-जो चलना चाहे, उसे ले चलिए। |
2. कोई-कोई | कोई-कोई तो परेशान कर देता है। |
3. क्या-क्या | क्या-क्या खरीद लाए आप बाजार से? |
4. किस-किस | किस-किस से झगड़ा करते रहोगे? |
5. कौन-कौन | कौन-कौन आ रहा है पार्टी में? |
6. कुछ-कुछ | कुछ-न-कुछ तो खरीदूँगा ही। |
7. अपना-अपना | ये सामान पड़ा है, अपना-अपना उठा ले जाओ। |
संयुक्त रूप
कभी-कभी दो सर्वनाम संयुक्त होकर भी प्रयुक्त होते हैं। जैसे-
- 1. जो + कोई → जो कोई – जो कोई इधर से निकलेगा, पकड़ा जाएगा।
- 2. जो + कुछ → जो कुछ – जो कुछ भी लाए हो, यहीं रख दो।
सर्वनाम पद का व्याकरणिक परिचय
सर्वनाम के पद-परिचय के लिए शब्द-भेद का नाम, सर्वनाम का उपभेद, पुरुष, वचन, कारक और कारकीय संबंध बताना आवश्यक होता है।
उदाहरण–
- (क) मैंने उन्हें आ जाने को कह दिया।
- (ख) इसमें क्या पड़ा है?
- (ग) वह मुझे कुछ देने वाला था।
उपर्युक्त वाक्यों से पहले सर्वनाम शब्द चुन लीजिए–
- (क) मैंने, उन्हें
- (ख) इसमें, क्या
- (ग) वह, मुझे कुछ।
इनमें से कुछ पदों का परिचय नीचे दिया जा रहा है–
(क) उन्हें
- निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, बहुवचन, कर्म कारक, ‘कह दिया ‘ क्रिया का कर्म।
(ख) इस (में)
- निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, कारक, ‘पड़ा है‘ क्रिया का आधार।
- क्या – प्रश्नवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, एकवचन, कर्ता कारक, ‘पड़ा है‘ से होने का संबंध।
(ग) मुझे
- पुरुषवाचक सर्वनाम, उत्तम पुरुष, एकवचन, सम्प्रदान कारक, ‘देने वाला था‘ क्रिया से संबंध।
Objective Question
Objective Question (वस्तुनिष्ठ प्रश्न)
1. निजवाचक सर्वनाम का निम्नलिखित में कौन सा शब्द है?
(a) तुम (b) हम (c) वह (d) आप
2. कौन–सा सर्वनाम पुरुष और स्त्री दोनों के नाम के बदले में आते हैं ?
(a) निश्चितवाचक (b) पुरुषवाचक (c) संबंधवाचक (d) निजवाचक
3. जो शब्द संज्ञा के नामों की जगह प्रयुक्त होते हैं, उसे क्या कहते हैं ?
(a) सर्वनाम (b) करण (c) अपादान (d) क्रिया
4. सर्वनामों की संख्या कितनी होती है ?
(a) 2 (b) 4 (c) 8 (d) 11
5. किस पुरुषवाचक सर्वनाम के अंतर्गत ‘तू‘, ‘तुझे‘, ‘तुझको‘, ‘तेरा‘, ‘तेरे‘, ‘तेरी‘, ‘तुम‘, ‘तुम्हें‘, ‘तुमको‘, ‘तुम्हारा‘, ‘तुम्हारे‘, ‘तुम्हारी‘, ‘आप‘ “आपकी” आपके” इत्यादि सर्वनाम शब्द आते हैं ?
(a) उत्तम पुरुष (b) मध्यम पुरुष (c) अन्य पुरुष (d) पुरुष वाचक
6. ‘मुझे बाज़ार से कुछ लाना है।‘ वाक्य में कौन–सा सर्वनाम है ?
(a) निश्चितवाचक (b) संबंधवाचक (c) निजवाचक (d) अनिश्चयवाचक
7. जिन शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, व्यक्ति आदि के बारे में कोई सवाल पूछने या उसके बारे में जानने के लिए किया जाता है, उन शब्दों को ….. कहते हैं।
(a) प्रश्नवाचक सर्वनाम (b) अनिश्चयवाचक सर्वनाम (c) संबंधवाचक सर्वनाम (d) पुरुषवाचक सर्वनाम
8. सर्वनाम के कितने भेद होते हैं ?
(a) 4 (b) 5 (c) 6 (d) 8
9. अन्य पुरुष में शब्दों का प्रयोग किसी तीसरे व्यक्ति के बारे में बात करने के लिए होता है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित में से कौन–से शब्दों का उपयोग होता है ?
(a) हमारा, हमारे, हमारी (b) तुमको, तुम्हारा, तुम्हारे (c) यह, वह, ये, वे (d) मेरे, मेरी, मुझे
10. ‘मैं अपने कपड़े स्वयं धो लूँगा‘ किस सर्वनाम का उदाहरण है ?
(a) निजवाचक (b) प्रश्नवाचक (c) निश्चितवाचक (d) संबंधवाचक
11. जिन वाक्यों में ‘यह‘, ‘वह‘, ‘ये‘, ”वे‘ आदि शब्दों का इस्तेमाल वस्तु, व्यक्ति आदि की निश्चितता का बोध कराने के लिए किया जाता है, वे कौन–सा सर्वनाम कहलायेंगे ?
(a) प्रश्नवाचक सर्वनाम शब्द (b) निश्चितवाचक सर्वनाम शब्द (c) संबंधवाचक सर्वनाम शब्द (d) पुरुषवाचक सर्वनाम शब्द
12. ‘जो सोवेगा सो खोवेगा, जो जागेगा सो पावेगा।‘ किस सर्वनाम का उदाहरण है ?
(a) निजवाचक (b) प्रश्नवाचक (c) निश्चितवाचक (d) संबंधवाचक
13. संबंधवाचक सर्वनाम का प्रयोग वाक्य में दो शब्दों को जोड़ने के लिए भी किया जाता है। निम्नलिखित में से कौन–से शब्द उसके उदाहरण हैं ?
(a) जैसे-वैसे (b) जिसकी उसकी (c) जितना-उतना (d) उपरोक्त सभी
14. जिस सर्वनाम शब्द का प्रयोग वक्ता खुद के बारे में बतलाने के लिए करता है, उसे कौन–सा पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं ?
(a) प्रथम पुरुष (b) मध्यम पुरुष (c) अन्य पुरुष (d) पुरुषवाचक
15. ‘मुझे बारिश में भीगना पसंद नहीं है। ‘किस सर्वनाम का उदाहरण है ?
(a) उत्तम पुरुष (b) प्रथम पुरुष (c) उपरोक्त दोनों (d) अन्य पुरुष
16. सर्वनाम में किसके परिवर्तन होता है ? प्रभाव से रूप में
(a) उपसर्ग (b) परसर्ग (c) अव्यय (d) क्रिया
17. किस पुरुषवाचक सर्वनाम के अंतर्गत ‘मैं‘, ‘मेरा‘,’ मेरे‘, ‘मेरी‘, ‘मुझको‘, ‘हम‘, हमें, हमको‘, ‘हमारा‘, ‘हमारे‘, ‘हमारी” “हमसे” “हमारे लिए” इत्यादि शब्द आते हैं ?
(a) उत्तम पुरुष (b) मध्यम पुरुष (c) अन्य पुरुष (d) पुरुष वाचक
18. जिन सर्वनाम शब्दों से वस्तु, व्यक्ति, स्थान आदि की निश्चितता का बोध नहीं होता, वे ….. सर्वनाम कहलाते हैं।
(a) प्रश्नवाचक (b)पुरुषवाचक (c) अनिश्चयवाचक (d) निजवाचक
19. प्रश्नवाचक सर्वनाम के अंतर्गत ‘कौन‘ किसके लिए प्रयुक्त किया जाता है ?
(a) व्यक्तियों के लिए (b) वस्तुओं के लिए (c) तरकारियों के लिए (d) मकानों के लिए
20. ‘मैंने उन्हें कह दिया है कि यह कार्य उन्हें अपने आप करना होगा।’ इस वाक्य में किस सर्वनाम का प्रयोग हुआ है ?
(a) निजवाचक (b) प्रश्नवाचक (c) निश्चितवाचक (d) संबंधवाचक
21. ‘जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा‘ वाक्य में कौन–सा पुरुषवाचक सर्वनाम प्रयुक्त हुआ है ?
(a) प्रश्नवाचक सर्वनाम शब्द (b) निश्चितवाचक सर्वनाम शब्द (c) संबंधवाचक सर्वनाम शब्द (d) पुरुषवाचक सर्वनाम शब्द
22. ‘उसका सपना एक दिन पूरा होगा।‘ वाक्य किस पुरुषवाचक सर्वनाम का उदाहरण है ?
(a) उत्तम पुरुष (b) मध्यम पुरुष (c) अन्य पुरुष (d) पुरुष वाचक
23. जो सर्वनाम शब्द किसी निश्चित व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना की ओर संकेत करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। निम्नलिखित शब्दों में से कौन–सा शब्द निश्चयवाचक सर्वनाम का उदाहरण है ?
(a) यह (b) वह (c) ये (d) उपरोक्त सभी
24. ‘चोट खाया हुआ वह अब क्या लड़ पाएगा ?’ इस वाक्य में किस पदबंध का प्रयोग हुआ है ?
(a) संज्ञा पदबंध (b) क्रिया पदबंध (c) विशेषण पदबंध (d) सर्वनाम पदबंध
Objective Question का उत्तरमाला
- 1. (d) 2. (b) 3. (a) 4. (d) 5. (b)
- 6. (d) 7. (a) 8. (c) 9. (c) 10. (a)
- 11. (b) 12. (d) 13. (d) 14. (a) 15. (c)
- 16. (b) 17. (a) 18. (c) 19. (a) 20. (a)
- 21. (c) 22. (c) 23. (d) 24. (b)
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Conclusion – Friends उम्मीद करता हूँ कि यह Article Sarvanam kise kahate hain, इसके भेद और उदहारण आपको समझ में आ गया होगा। Blog post को अध्ययन करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!