आज हमलोग इस Article में (pashya) Drish dhatu roop in sanskrit के 10 लकारों में धातु रूप का study करेंगे, साथ ही Dhatu Pratyay, Sanskrit Translation, Meaning आदि की जानकारी हासिल करेंगे.
(पश्य) Drish Dhatu Roop – लट् लकार (वर्तमान काल- Present Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष पश्यति पश्यतः पश्यन्ति मध्यम पुरुष पश्यसि पश्यथः पश्यथ उत्तम पुरुष पश्यामि पश्यावः पश्यामः
दृश् (पश्य) = देखना (To see)
Drish dhatu roop – लट् लकार के धातु प्रत्यय पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष ति तः अन्ति मध्यम पुरुष सि थ: थ उत्तम/अन्य आमि आवः आमः
Drish dhatu roop in sanskrit – प्रत्यय के योग पपुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष दृश् (पश्य) + ति = पश्यति दृश् (पश्य) + तः = पश्यतः दृश् (पश्य) + अन्ति = पश्यन्ति मध्यम पुरुष दृश् (पश्य) + सि = पश्यसि दृश् (पश्य) + थ: = पश्यथ: दृश् (पश्य) + थ = पश्यथ उत्तम पुरुष दृश् (पश्य) + आमि = पश्यामि दृश् (पश्य) + आवः = पश्याव: दृश् (पश्य) + आमः = पश्यामः
दृश् (पश्य) के धातु रूप – लट् लकार संस्कृत अनुवाद पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष सः पश्यति = वह देखता है सा पश्यति = वह देखती है तौ पश्यतः = वेदोनों देखते हैं ते पश्यतः= वेदोनों देखती हैं ते पश्यन्ति = वेलोग देखते हैं ता पश्यन्ति = वेलोग देखती हैं मध्यम पुरुष त्वं पश्यसि = तुम देखते हो युवाम पश्यथ: = तुम दोनों देखते हों यूयम पश्यथ = तुमलोग देखते हो उत्तम/अन्य पुरुष अहम् पश्यामि = मैं देखता हूँ आवाम पश्याव: = हमदोनों देखते हैं वयम पश्यामः = हमलोग देखते हैं
Drish dhatu roop in sanskrit – लङ् लकार (Bhutkal – Past Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अपश्यत् अपश्यताम् अपश्यन् मध्यम पुरुष अपश्य: अपश्यतम् अपश्यत् उत्तम/अन्य पुरुष अपश्यम् अपश्याव अपश्याम
दृश् धातु रूप – लङ् लकार के धातु प्रत्यय पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अ….त् अ….ताम् अ….अन् मध्यम पुरुष अ….अः अ….तम् अ….त् उत्तम/अन्य अ….अम् अ….आव अ….आम
दृश् (पश्य) धातु रूप – प्रत्यय योग (Lang Lakar) पपुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अ + दृश् (पश्य) + त् = अपश्यत् अ + दृश् (पश्य) + ताम् = अपश्यताम् अ + दृश् (पश्य) + अन् = अपश्यन् मध्यम पुरुष अ + दृश् (पश्य) + अः = अपश्य: अ + दृश् (पश्य) + तम्: = अपश्यतम् अ + दृश् (पश्य) + त् = अपश्यत् उत्तम पुरुष अ + दृश् (पश्य) + अम् = अपश्यम् अ + दृश् (पश्य) + आव = अपश्याव अ + दृश् (पश्य) + आम = अपश्याम
Drish Dhatu Roop – लङ् लकार संस्कृत अनुवाद पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष सः अपश्यत् = वह देखता था सा अपश्यत् = वह देखती थी तौ अपश्यताम् = वेदोनों देखते थे ते अपश्यताम् = वेदोनों देखती थीं ते अपश्यन् = वेलोग देखते थे ता अपश्यन् = वेलोग देखती थीं मध्यम पुरुष त्वं अपश्य: = तुम देखते थे युवाम अपश्यतम् = तुमदोनों देखते थे यूयम अपश्यत् = तुमलोग देखते थे उत्तम/अन्य पुरुष अहम् अपश्यम = मैं देखता था आवाम अपश्याव = हमदोनों देखते थे वयम अपश्याम = हमलोग देखते थे
Drish Dhatu Roop in Sanskrit – लृट् लकार (Bhavishyat Kal – Future Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष द्रक्ष्यति द्रक्ष्यतः द्रक्षयन्ति मध्यम पुरुष द्रक्ष्यसि द्रक्ष्यथ: द्रक्ष्यथ उत्तम/अन्य पुरुष द्रक्ष्यामि द्रक्ष्यावः द्र्क्षयामः
Drish (Pashya) dhatu roop sanskrit – लृट् लकार धातु प्रत्यय पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष स्यति स्यतः स्यन्ति मध्यम पुरुष स्यसि स्यथः स्यथ उत्तम/अन्य स्यामि स्यावः स्यामः
दृश् धातु रूप संस्कृत में – प्रत्यय योग (Lrit Lakar) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष दृश् + स्यति = द्रक्ष्यति दृश् + स्यतः = द्रक्ष्यत: दृश् + स्यन्ति = द्रक्ष्यन्ति मध्यम पुरुष दृश् + स्यसि = द्रक्ष्यसि दृश् + स्यथः = द्रक्ष्यथ: दृश् + स्यथ = द्रक्ष्यथ उत्तम/अन्य दृश् + स्यामि = द्रक्ष्यामि दृश् + स्यावः = द्रक्ष्यावः दृश् + स्यामः = द्रक्ष्यामः
दृश् धातु रूप – Lrit Lakar Sanskrit translation पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष सः द्रक्ष्यति = वह देखेगा सा द्रक्ष्यति = वह देखेगी तौ द्रक्ष्यत: = वे दोनों देखेंगे ते द्रक्ष्यत: = वे दोनों देखेंगी ते द्रक्ष्यन्ति = वेलोग देखेंगे ता द्रक्ष्यन्ति = वेलोग देखेंगी मध्यम पुरुष त्वं द्रक्ष्यसि = तुम देखोगे युवाम द्रक्ष्यथ: = तुमदोनों देखोगे यूयम द्रक्ष्यथ = तुमलोग देखोगे उत्तम/अन्य पुरुष अहम् द्रक्ष्यामि = मैं देखूंगा आवाम द्रक्ष्यावः = हमदोनों देखेंगे वयम द्रक्ष्यामः = हमलोग देखेंगे
Drish Dhatu Roop in Sanskrit – Lot Lakar (अनुज्ञा – Order) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष पश्यतु पश्यताम् पश्यन्तु मध्यम पुरुष पश्य पश्यतम् पश्यत् उत्तम/अन्य पुरुष पश्यानि पश्याव पश्याम
Lot Lakar Dhatu Pratyay पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष तु ताम् अन्तु मध्यम पुरुष अ तम् त् उत्तम/अन्य आनि आव आम
Pashya Dhatu Roop – प्रत्यय योग (लोट् लकार) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष दृश् (पश्य) + तु = पश्यतु दृश् (पश्य) + ताम् = पश्यताम् दृश् (पश्य) + अन्तु = पश्यन्तु मध्यम पुरुष दृश् (पश्य) + अ = पश्य दृश् (पश्य) + तम् = पश्यतम् दृश् (पश्य) + त् = पश्यत् उत्तम/अन्य दृश् (पश्य) + आनि = पश्यानि दृश् (पश्य) + आव = पश्याव दृश् (पश्य) + आम = पश्याम
दृश् (पश्य) धातु रूप – Lot Lakar संस्कृत अनुवाद पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष सः पश्यतु = वह देखे सा पश्यतु = वह देखे तौ पश्यताम्= वे दोनों देखें ते पश्यताम्= वे दोनों देखें ते पश्यन्तु = वेलोग देखें ता पश्यन्तु = वेलोग देखें मध्यम पुरुष त्वं पश्य = तुम देखो युवाम पश्यतम् = तुमदोनों देखो यूयम पश्यत् = तुमलोग देखो उत्तम/अन्य पुरुष अहम् पश्यानि = मैं देखूं आवाम पश्याव = हमदोनों देखें वयम पश्याम = हमलोग देखें
Drish dhatu roop in sanskrit – Vidhiling Lakar ( चाहिए – Should) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष पश्येत् पश्येताम् पश्येयु: मध्यम पुरुष पश्ये: पश्येतम् पश्येत् उत्तम/अन्य पुरुष पश्येयम् पश्येव पश्येम
विधिलिङ् लकार के दृश् (पश्य) धातु प्रत्यय पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष ईत् (एत्) ईताम् (एताम्) ईयु: (एयु:) मध्यम पुरुष ई: (ए:) ईतम् (एतम्) ईत् (एत्) उत्तम/अन्य ईयम् (एयम्) ईव (एव) ईम (एम)
दृश् (पश्य) धातु रूप – प्रत्यय योग (Vidhiling Lakar) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष दृश् (पश्य) + ईत् (एत्) = पश्येत् दृश् (पश्य) + ईताम् (एताम्) = पश्येताम् दृश् (पश्य) + ईयु: (एयु:) = पश्येयु: मध्यम पुरुष दृश् (पश्य) + ई: (ए:) = पश्ये: दृश् (पश्य) + ईतम् (एतम्) = पश्येतम् दृश् (पश्य) + ईत् (एत्) = पश्येत् उत्तम/अन्य दृश् (पश्य) + ईयम् (एयम्) = पश्येयम् दृश् (पश्य) + ईव (एव) = पश्येव दृश् (पश्य) + ईम (एम) = पश्येम
दृश् (पश्य) धातु रूप – विधिलिङ् लकार संस्कृत ट्रांसलेशन पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष सः पश्येत् = उसे देखना चाहिए सा पश्येत् = उसे देखनी चाहिए तौ पश्येताम् = वे दोनों को देखना चाहिए ते पश्येताम् = वे दोनों को देखनी चाहिए ते पश्येयु: = वेलोगों को देखना चाहिए ता पश्येयु: = वेलोगों को देखनी चाहिए मध्यम पुरुष त्वं पश्ये: = तुम्हे देखना चाहिए युवाम पश्येतम् = तुमदोनों को देखना चाहिए यूयम पश्येत् = तुमलोगों को देखना चाहिए उत्तम/अन्य पुरुष अहम् पश्येयम् = मुझे देखना चाहिए आवाम पश्येव = हमदोनों को देखना चाहिए वयम पश्येम = हमलोगों को देखना चाहिए
Lit Lakar ke Drish Dhatu Roop – परोक्ष भूतकाल (Past Perfect Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष ददर्श ददृशतु: ददृशु: मध्यम पुरुष ददर्शिथ ददृशथु: ददृश उत्तम/अन्य पुरुष ददर्श ददृशिव ददृशिम
लुट् लकार के दृश् धातु रूप – अनद्यतन भविष्यत काल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष द्रष्टा द्रष्टारौ द्रष्टार: मध्यम पुरुष द्रष्टासि द्रष्टास्थः द्रष्टास्थ उत्तम/अन्य पुरुष द्रष्टास्मि द्रष्टास्वः द्रष्टास्मः
लृङ् लकार दृश् धातु रूप संस्कृत – हेतुहेतुमद भविष्य काल पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अद्रक्ष्यत् अद्रक्ष्यताम् अद्रक्ष्यन् मध्यम पुरुष अद्रक्ष्य: अद्रक्ष्यतम् अद्रक्ष्यत उत्तम/अन्य पुरुष अद्रक्षम् अद्रक्ष्याव अद्रक्ष्याम
लुङ् लकार दृश् के धातु रूप – सामान्य भूतकाल (Perfect Tense) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष अद्राक्षीत् / अदर्शत अद्राष्टाम् / अदर्शताम् अद्राक्षु: / अदर्शन् मध्यम पुरुष अद्राक्षी: / अदर्श: अद्राष्टम् / अदर्शम् अद्राष्ट / अदर्शत उत्तम/अन्य पुरुष अद्राक्षम् / अदर्शम् अद्राक्ष्व / अदर्शाव अद्राक्ष्म / अदर्शाम
आशिर्लिंङ् लकार दृश् का धातु रूप – आशीर्वाद हेतु (Benedictive Mood) पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथम पुरुष दृश्यात् दृश्यास्ताम् दृश्यासु: मध्यम पुरुष दृश्या: दृश्यास्तम् दृश्यास्त उत्तम/अन्य पुरुष दृश्यासम् दृश्यास्व दृश्यास्म
इस Article को भी पढ़ें
Conclusion – आशा करता हूँ कि Drish dhatu roop in sanskrit के 10 लकारों का धातु रूप अच्छा लगा होगा. यदि पसंद आया है तो अपने friend circle में share जरुर कीजिएगा. धन्यवाद!