Friends इस Blog Post में Gam से Gam Dhatu Roop बनाना सीखेंगे. Lrit Lakar को छोड़कर सभी लकारों में गम्, गच्छ में बदल जाता है. इस Article में 5 Lakar के धातु रूप और translation जानेंगे.
Gam dhatu roop – Lat Lakar (वर्तमान काल – present tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गच्छति | गच्छतः | गच्छन्ति |
मध्यम पुरुष | गच्छसि | गच्छथः | गच्छथ |
उत्तम/अन्य पुरुष | गच्छामि | गच्छावः | गच्छामः |
Table of Contents
Gam dhatu ke roop – लट् लकार Dhatu Pratyay
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | ति | तः | अन्ति |
मध्यम पुरुष | सि | थ: | थ |
उत्तम/अन्य | आमि | आवः | आमः |
Gam dhatu roop sanskrit – प्रत्यय के योग
पपुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गम् (गच्छ) + ति = गच्छति | गम् (गच्छ) + तः = गच्छतः | गम् (गच्छ) + अन्ति = गच्छन्ति |
मध्यम पुरुष | गम् (गच्छ) + सि = गच्छसि | गम् (गच्छ) + थ: = गच्छथः | गम् (गच्छ) + थ = गच्छथ |
उत्तम पुरुष | गम् (गच्छ) + आमि = गच्छामि | गम् (गच्छ) + आवः = गच्छावः | गम् (गच्छ) + आमः = गच्छामः |
विशेष – धातु रूप बनाते समय गम्, गच्छ में परिवर्तित हो जाता है.
Gam Dhatu Roop – लट् लकार संस्कृत अनुवाद
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः गच्छति = वह जाता है सा गच्छति = वह जाती है | तौ गच्छतः = वेदोनों जाते हैं ते गच्छतः = वेदोनों जाती हैं | ते गच्छन्ति = वेलोग जाते हैं ता गच्छन्ति = वेलोग जाती हैं |
मध्यम पुरुष | त्वं गच्छसि = तुम जाते हो | युवाम गच्छथः = तुम दोनों जाते हो | यूयम गच्छथ = तुमलोग जाते हो |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् गच्छामि = मैं जाता हूँ | आवाम गच्छावः = हमदोनों जाते हैं | वयम गच्छामः = हमलोग जाते हैं |
Gam dhatu roop in sanskrit – लङ् लकार (Bhoot Kal – Past Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | अगच्छत् | अगच्छताम् | अगच्छन् |
मध्यम पुरुष | अगच्छः | अगच्छतम् | अगच्छत् |
उत्तम/अन्य पुरुष | अगच्छम् | अगच्छाव | अगच्छाम |
Gam Ke Dhatu Roop – लङ् लकार धातु प्रत्यय
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | अ….त् | अ….ताम् | अ….अन् |
मध्यम पुरुष | अ….अः | अ….तम् | अ….त् |
उत्तम/अन्य | अ….अम् | अ….आव | अ….आम |
गम् धातु रूप – Pratyay Ke Yog (लङ् लकार past tense)
पपुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | अ + गम् (गच्छ) + त् = अगच्छत् | अ + गम् (गच्छ) + ताम् = अगच्छताम् | अ + गम् (गच्छ) + अन् = अगच्छन् |
मध्यम पुरुष | अ + गम् (गच्छ) + अः = अगच्छ: | अ + गम् (गच्छ) + तम्: = अगच्छतम् | अ + गम् (गच्छ) + त् = अगच्छत् |
उत्तम पुरुष | अ + गम् (गच्छ) + अम् = अगच्छम् | अ + गम् (गच्छ) + आव = अगच्छाव | अ + गम् (गच्छ) + आम = अगच्छाम |
गम् का धातु रूप – Lang Lakar Sanskrit Translation
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः अगच्छत् = वह जाता था सा अगच्छत् = वह जाती थी | तौ अगच्छताम् = वेदोनों जाते थे ते अगच्छताम् = वेदोनों जाती थीं | ते अगच्छन् = वेलोग जाते थे ता अगच्छन् = वेलोग जाती थीं |
मध्यम पुरुष | त्वं अगच्छ: = तुम जाते थे | युवाम अगच्छतम् = तुम दोनों जाते थे | यूयम अगच्छत् = तुमलोग जाते थे |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् अगच्छम् = मैं जाता था | आवाम अगच्छाव = हमदोनों जाते थे | वयम अगच्छाम = हमलोग जाती थे |
Gam Dhatu Roop – लृट् लकार (भविष्यत् काल – Future Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गमिष्यति | गमिष्यतः | गमिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | गमिष्यसि | गमिष्यथ: | गमिष्यथ |
उत्तम/अन्य पुरुष | गमिष्यामि | गमिष्यावः | गमिष्यामः |
Gam dhatu roop in sanskrit – धातु प्रत्यय
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | स्यति | स्यतः | स्यन्ति |
मध्यम पुरुष | स्यसि | स्यथः | स्यथ |
उत्तम/अन्य | स्यामि | स्यावः | स्यामः |
संस्कृत गम् धातु – प्रत्यय योग (Lrit Lakar)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गम् (गच्छ) + स्यति = गमिष्यति | गम् (गच्छ) + स्यतः = गमिष्यत: | गम् (गच्छ) + स्यन्ति = गमिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | गम् (गच्छ) + स्यसि = गमिष्यसि | गम् (गच्छ) + स्यथः = गमिष्यथ: | गम् (गच्छ) + स्यथ = गमिष्यथ |
उत्तम/अन्य | गम् (गच्छ) + स्यामि = गमिष्यामि | गम् (गच्छ) + स्यावः = गमिष्यावः | गम् (गच्छ) + स्यामः = गमिष्यामः |
Gam Dhatu Roop – Lrit Lakar Sanskrit Anuvad
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः गमिष्यति = वह जाएगा सा गमिष्यति = वह जाएगी | तौ गमिष्यत: = वे दोनों जाएँगे ते गमिष्यत: = वे दोनों जाएंगी | ते गमिष्यन्ति = वेलोग जाएँगे ता गमिष्यन्ति = वेलोग जाएंगी |
मध्यम पुरुष | त्वं गमिष्यसि = तुम जाओगे | युवाम गमिष्यथ: = तुमदोनों जाओगे | यूयम गमिष्यथ = तुमलोग जाओगे |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् गमिष्यामि = मैं जाऊंगा | आवाम गमिष्यावः = हमदोनों जाएँगे | वयम गमिष्यामः = हमलोग जाएँगे |
Gam Ka Dhatu Roop – लोट् लकार (अनुज्ञा – Order)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गच्छतु | गच्छताम् | गच्छन्तु |
मध्यम पुरुष | गच्छ | गच्छतम् | गच्छत् |
उत्तम/अन्य पुरुष | गच्छानि | गच्छाव | गच्छाम |
Gam dhatu ke roop – Lot Lakar Dhatu Pratyay
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | तु | ताम् | अन्तु |
मध्यम पुरुष | अ | तम् | त् |
उत्तम/अन्य | आनि | आव | आम |
गम् धातु रूप – (लोट् लकार – Order) प्रत्यय का योग
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गम् (गच्छ) + तु = गच्छतु | गम् (गच्छ) + ताम् = गच्छताम् | गम् (गच्छ) + अन्तु = गछन्तु |
मध्यम पुरुष | गम् (गच्छ) + अ = गच्छ | गम् (गच्छ) + तम् = गच्छतम् | गम् (गच्छ) + त् = गच्छत् |
उत्तम/अन्य | गम् (गच्छ) + आनि = गच्छानि | गम् (गच्छ) + आव = गच्छाव | गम् (गच्छ) + आम = गच्छाम |
गम् धातु रूप – संस्कृत अनुवाद
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः गच्छतु = वह जाए सा गच्छतु = वह जाए | तौ गच्छताम् = वे दोनों जाएँ ते गच्छताम् = वे दोनों जाएँ | ते गच्छन्तु = वेलोग जाएँ ता गच्छन्तु = वेलोग जाएँ |
मध्यम पुरुष | त्वं गच्छ = तुम जाओ | युवाम गच्छतम् = तुमदोनों जाओ | यूयम गच्छत् = तुमलोग जाओ |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् गच्छानि = मैं जाऊं | आवाम गच्छाव = हमदोनों जाएँ | वयम गच्छाम = हमलोग जाएँ |
Gam dhatu roop in sanskrit – विधिलिङ् लकार (Chahiye – Should)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गच्छेत् | गच्छेताम् | गच्छेयु: |
मध्यम पुरुष | गच्छे: | गच्छेतम् | गच्छेत् |
उत्तम/अन्य पुरुष | गच्छेयम् | गच्छेव | गच्छेम् |
Vidhiling Lakar धातु प्रत्यय
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | ईत् (एत्) | ईताम् (एताम्) | ईयु: (एयु:) |
मध्यम पुरुष | ई: (ए:) | ईतम् (एतम्) | ईत् (एत्) |
उत्तम/अन्य | ईयम् (एयम्) | ईव (एव) | ईम (एम) |
गम् धातु रूप – प्रत्यय के योग (Vidhiling – Should)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | गम् (गच्छ) + ईत् (एत्) = गच्छेत् | गम् (गच्छ) + ईताम् (एताम्) = गच्छेताम् | गम् (गच्छ) + ईयु: (एयु:) = गच्छेयु: |
मध्यम पुरुष | गम् (गच्छ) + ई: (ए:) = गच्छे: | गम् (गच्छ) + ईतम् (एतम्) = गच्छेतम् | गम् (गच्छ) + ईत् (एत्) = गच्छेत् |
उत्तम/अन्य | गम् (गच्छ) + ईयम् (एयम्) = गच्छेयम् | गम् (गच्छ) + ईव (एव) = गच्छेव | गम् (गच्छ) + ईम (एम) = गच्छेम |
गम् धातु रूप – Sanskrit Translation
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः गच्छेत् = उसे जाना चाहिए सा गच्छेत् = उसे जानी चाहिए | तौ गच्छेताम् = वे दोनों को जाना चाहिए ते गच्छेताम् = वे दोनों को जानी चाहिए | ते गच्छेयु: = वेलोगों को जाना चाहिए ता गच्छेयु: = वेलोगों को जानी चाहिए |
मध्यम पुरुष | त्वं गच्छे: = तुम्हे जाना चाहिए | युवाम गच्छेतम् = तुमदोनों को जाना चाहिए | यूयम गच्छेत्त् = तुमलोगों को जाना चाहिए |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् गच्छेयम् = मुझे जाना चाहिए | आवाम गच्छेव = हमदोनों को जाना चाहिए | वयम गच्छेम = हमलोगों को जाना चाहिए |
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Conclusion
यह blog post Gam dhatu Roop in Sanskrit के 5 लकारों का धातु रूप उम्मीद करता हूँ कि समझ में आ गया होगा. Article को Read करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद!