दोस्तों इस Article में Bhu Dhatu Roop in Sanskrit के 5 लकारों, 1- Lat Lkar , 2- Lang Lakar, 3- Lrit Lakar, 4- Lot Lakar, 5- Vidhiling Lkar का धातु रूप बताया हूँ। भू धातु रूप एक परस्मैपदी धातु रूप है, जिसके प्रत्यय, अनुवाद और अर्थ को भी विस्तार से समझाया हूँ तो चलिए start करते हैं।
Bhu dhatu ke roop – लट् लकार (Present Tense वर्तमान काल)
भू – होना (To Be)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | भवति | भवतः | भवन्ति |
मध्यम पुरुष | भवसि | भवथः | भवथ |
उत्तम/अन्य पुरुष | भवामि | भवावः | भवामः |
Table of Contents
Bhu dhatu roop in sanskrit – लट् लकार धातु प्रत्यय
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | ति | तः | अन्ति |
मध्यम पुरुष | सि | थ: | थ |
उत्तम/अन्य | आमि | आवः | आमः |
Bhu Dhatu Roop in Sanskrit – प्रत्यय के योग से धातु रूप
पपुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | भव + ति = भवति | भव + तः = भवतः | भव + अन्ति = भवन्ति |
मध्यम पुरुष | भव + सि = भवसि | भव + थ: = भवथः | भव + थ = भवथ |
उत्तम पुरुष | भव + आमि = भवामि | भव + आवः = भवावः | भव + आमः = भवामः |
विशेष – धातु रूप बनाते समय भू, भव में बदल जाता है।
भू धातु रूप – लट् लकार संस्कृत अनुवाद
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः भवति = वह होता है सा भवति = वह होती है | तौ भवतः = वेदोनों होते हैं ते भवतः = वेदोनों होती हैं | ते भवन्ति = वेलोग होते हैं ता भवन्ति = वेलोग होती हैं |
मध्यम पुरुष | त्वं भवसि = तुम होते हो | युवाम भवथः = तुम दोनों होते हो | यूयम भवथ = तुमलोग होते हो |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् भवामि = मैं होता हूँ | आवाम भवावः = हमदोनों होते हैं | वयम भवामः = हमलोग होते हैं |
Bhu Dhatu Roop in Sanskrit – लङ् लकार (अनद्यतन भूतकाल – Past Tense)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | अभवत् | अभवताम् | अभवन् |
मध्यम पुरुष | अभव: | अभवतम् | अभवत् |
उत्तम/अन्य पुरुष | अभवम् | अभवाव | अभवाम |
Bhu Dhatu Ke Roop -Lang Lakar Pratyay
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | अ….त् | अ….ताम् | अ….अन् |
मध्यम पुरुष | अ….अः | अ….तम् | अ….त् |
उत्तम/अन्य | अ….अम् | अ….आव | अ….आम |
भू धातु रूप – प्रत्यय के योग (Lang Lakar past tense)
पपुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | अ + भू (भव) + त् = अभवत् | अ + भू (भव) + ताम् = अभवताम् | अ + भू (भव) + अन् = अभवन् |
मध्यम पुरुष | अ + भू (भव) + अः = अभव: | अ + भू (भव) + तम्: = अभवतम् | अ + भू (भव) + त् = अभवत् |
उत्तम पुरुष | अ + भू (भव) + अम् = अभवम् | अ + भू (भव) + आव = अभवाव | अ + भू (भव) + आम = अभवाम |
भू धातु के रूप – लङ् लकार संस्कृत अनुवाद
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः अभवत् = वह होता था सा अभवत् = वह होती थी | तौ अभवताम् = वेदोनों होते थे ते अभवताम् = वेदोनों होती थीं | ते अभवन् = वेलोग होते थे ता अभवन् = वेलोग होती थीं |
मध्यम पुरुष | त्वं अभव: = तुम होते थे | युवाम अभवतम् = तुम दोनों होते थे | यूयम अभवत् = तुमलोग होते थे |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् अभवम् = मैं होता था | आवाम अभवाव = हमदोनों होते थे | वयम अभवम = हमलोग होते थे |
भू धातु रूप – (भविष्यत् काल – Future Tense) Lrit Lakar
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | भविष्यति | भविष्यतः | भविष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | भविष्यसि | भविष्यथ: | भविष्यथ |
उत्तम/अन्य पुरुष | भविष्यामि | भविष्यावः | भविष्यामः |
Bhu Dhatu Roop in Sanskrit – Lrit Lakar Pratyay
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | स्यति | स्यतः | स्यन्ति |
मध्यम पुरुष | स्यसि | स्यथः | स्यथ |
उत्तम/अन्य | स्यामि | स्यावः | स्यामः |
भू धातु रूप – प्रत्यय योग (लृट् लकार)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | भव + स्यति = भविष्यति | भव + स्यतः = भविष्यत: | भव + स्यन्ति = भविष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | भव + स्यसि = भविष्यसि | भव + स्यथः = भविष्यथ: | भव + स्यथ = भविष्यथ |
उत्तम/अन्य | भव + स्यामि = भविष्यामि | भव + स्यावः = भविष्यावः | भव + स्यामः = भविष्यामः |
भू धातु के रूप – Sanskrit Translation (लृट् लकार)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः भविष्यति = वह होगा सा भविष्यति = वह होगी | तौ भविष्यत: = वे दोनों होंगे ते भविष्यत: = वे दोनों होंगी | ते भविष्यन्ति = वेलोग होंगे ता भविष्यन्ति = वेलोग होंगी |
मध्यम पुरुष | त्वं भविष्यसि = तुम होगे | युवाम भविष्यथ: = तुमदोनों होंगे | यूयम भविष्यथ = तुमलोग होंगे |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् भविष्यामि = मैं होऊंगा | आवाम भविष्यावः = हमदोनों होंगे | वयम भविष्यामः = हमलोग होंगे |
भू धातु रूप – (अनुज्ञा – Order) Lot Lakar
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | भवतु | भवताम् | भवन्तु |
मध्यम पुरुष | भव | भवतम् | भवत् |
उत्तम/अन्य पुरुष | भवानि | भवाव | भवाम |
Bhu Dhatu Roop in Sanskrit – लोट् लकार धातु प्रत्यय
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | तु | ताम् | अन्तु |
मध्यम पुरुष | अ | तम् | त् |
उत्तम/अन्य | आनि | आव | आम |
भू धातु रूप – प्रत्यय योग से (लोट् लकार – Order)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | भू (भव) + तु = भवतु | भू (भव) + ताम् = भवताम् | भू (भव) + अन्तु = भवन्तु |
मध्यम पुरुष | भू (भव) + अ = भव | भू (भव) + तम् = भवतम् | भू (भव) + त् = भवत् |
उत्तम/अन्य | भू (भव) + आनि = भवानि | भू (भव) + आव = भवाव | भू (भव) + आम = भवाम |
भू धातु के रूप – लोट् लकार संस्कृत अनुवाद
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः भवतु = वह होए सा भवतु = वह होए | तौ भवताम् = वे दोनों होएं ते भवताम् = वे दोनों होएं | ते भवन्तु = वेलोग होएं ता भवन्तु = वेलोग होएं |
मध्यम पुरुष | त्वं भव = तुम होओ | युवाम भवतम् = तुमदोनों होओ | यूयम भवत् = तुमलोग होओ |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् भवानि = मैं होऊ | आवाम भवाव = हमदोनों होएं | वयम भवाम = हमलोग होएं |
Bhu Dhatu Roop Sanskrit – विधिलिङ् लकार (चाहिए – Should)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | भवेत् | भवेताम् | भवेयु: |
मध्यम पुरुष | भवे: | भवेतम् | भवेत् |
उत्तम/अन्य पुरुष | भवेयम् | भवेव | भवेम् |
Bhu Dhatu Roop in Sanskrit – विधिलिङ् (Should) धातु प्रत्यय
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | ईत् (एत्) | ईताम् (एताम्) | ईयु: (एयु:) |
मध्यम पुरुष | ई: (ए:) | ईतम् (एतम्) | ईत् (एत्) |
उत्तम/अन्य | ईयम् (एयम्) | ईव (एव) | ईम (एम) |
भू धातु रूप – प्रत्यय के योग (विधिलिङ् – Should)
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | भू (भव) + ईत् (एत्) = भवेत् | भू (भव) + ईताम् (एताम्) = भवेताम् | भू (भव) + ईयु: (एयु:) = भवेयु: |
मध्यम पुरुष | भू (भव) + ई: (ए:) = भवे: | भू (भव) + ईतम् (एतम्) = भवेतम् | भू (भव) + ईत् (एत्) = भवेत् |
उत्तम/अन्य | भू (भव) + ईयम् (एयम्) = भवेयम् | भू (भव) + ईव (एव) = भवेव | भू (भव) + ईम (एम) = भवेम |
भू धातु के रूप – विधिलिङ् संस्कृत अनुवाद
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथम पुरुष | सः भवेत् = उसे होना चाहिए सा भवेत् = उसे होनी चाहिए | तौ भवेताम् = वे दोनों को होना चाहिए ते भवेताम् = वे दोनों को होनी चाहिए | ते भवेयु: = वेलोगों को होना चाहिए ता भवेयु: = वेलोगों को होनी चाहिए |
मध्यम पुरुष | त्वं भवे: = तुम्हे होना चाहिए | युवाम भवेतम् = तुमदोनों को होना चाहिए | यूयम भवेत् = तुमलोगों को होना चाहिए |
उत्तम/अन्य पुरुष | अहम् भवेयम् = मुझे होना चाहिए | आवाम भवेव = हमदोनों को होना चाहिए | वयम भवेम = हमलोगों को होना चाहिए |
नीचे दिए गए The Best धातु रूपों को भी आप Study कर सकते हैं
- पठ् धातु रूप
- लिख धातु रूप
- अस् धातु रूप
- कृ धातु रूप
- खाद् धातु रूप
- दृश् धातु रूप
- गम् धातु रूप
- नम् धातु रूप
- हस् धातु रूप
Conclusion – दोस्तों उम्मीद करता हूँ कि Bhu Dhatu Roop in Sanskrit के 5 लकारों का धातु रूप आपको पसंद आया होगा। यदि यह blog post पसंद आया है तो अपने friend circle में share जरुर कीजिए। धन्यवाद!