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Hindi to Sanskrit Translation -हिन्दी से संस्कृत अनुवाद

दोस्तों आज इस Blog post में आप Hindi to Sanskrit translation सीखने और समझेंगे हैं। जहां आपको हरेक प्रकार के हिन्दी -संस्कृत अनुवाद मिलेंगे और आपका ज्ञान वर्धन होगा, तो चलिए Start करते हैं।

Table of Contents

Hindi to Sanskrit translation – लट् लकार (Present Tense वर्तमान काल)

पुरुषएकवचनद्विवचन     बहुवचन
प्रथम पुरुष  सः पठति वह पढ़ता हैतौ पठतः वेदोनों पढ़ते हैंते पठन्ति वेलोग पढ़ते हैं
मध्यम पुरुषत्वम् पठसि तुम पढ़ते होयुवाम् पठथः तुमदोनों पढ़ते होयूयम पठथ तुमलोग पढ़ते हो
उत्तम/अन्य पुरुषअहम् पठामि मैं पढ़ता हूँआवाम पठावः हमदोनों पढ़ते हैंवयम पठामः हमलोग पढ़ते हैं

हिन्दी-संस्कृत अनुवाद

हिन्दी वाक्य हिन्दी-संस्कृत अनुवाद
कुत्ते भौकते हैं।  कुक्कुराः बुक्कन्ति।
वेलोग नाचते हैं।  ते नृत्यन्ति
तुमदोनों कहाँ जाते हो।  युवाम कुत्र गछथः
हमलोग विद्यालय जाते हैं।  वयम विद्यालयः गच्छामः
नदियाँ बहती है।  नद्यः प्रवहन्ति
तुमसब पूजा करते हो।  यूयम् अर्चयथ
वेलोग ठहरते हैं।  ते तिष्ठन्ति
मैं नाश करता हूँ।  अहम् नश्यामि
हमदोनों स्कूल में जाते हैं।  आवां विद्यालये गच्छावः
सूर्य आकाश में चमकता है।  सूर्यः नभे भाति।

Sanskrit to Hindi Translation – लङ् लकार (Past Tense भूतकाल)

पुरुष  एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष  सः अखादत्। उसने खाया।

सा अखादत्। उसने खायी।
तौ अखाद्ताम्। वेदोनों खाये।

ते अखादताम्। वेदोनों खायी।
ते अखादन्। वेसब खाये।

ता अखादन्। वेसब खायी।
मध्यम पुरुष  त्वम् अखाद् तुमने खाया/खायी।  युवाम अखादतम् तुमदोनों ने खाया/खायी।  यूयम अखादत् तुमलोगों ने खाया/खायी।  
उत्तम/अन्य पुरुष  अहम् अखादम मैंने खाया/खायी।  आवाम अखादाव हमदोनों ने खाया/खायी।  वयम अखादम हमसबने खाया/खायी।

हिन्दी से संस्कृत में अनुवाद

Hindi sentenceHindi – sanskrit anuvad
मैंने आम खाया।  अहम् आम्रम् अखाद्म्।
तुमलोगों ने भात खाया।  यूयम ओदनम् अखादत्।
शिकारी ने एक बाघ मारा।  आखेटकः एकं व्यघ्रम् अहन्।
मेरा भाई घर गया।  मम भ्राता गृहम् अगच्छ्त्।
उसने मुझे दूध पिलाया।  सः माम् दुग्धम् अपाययत्।
तुमदोनों एक होटल में रहते थे।  युवाम छात्रावासे अतिष्ठतम्।
तुमलोगों ने एक पत्र लिखा।  यूयम् एकं पत्रं अलिखत्।
वृक्ष से पत्ते गिरे।  वृक्षात् पत्राणि अपतन्।
नौकर ने सांप को मारा।  सेवकः सर्पं हन्ति।
हमलोगों ने गेंद खेला।  वयं कन्दुकं अखेलाम्।

Sanskrit to Hindi Translation – लृट् लकार (Future Tense भविष्यत काल)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष सः गमिष्यतिवह जायेगा

सा गमिष्यति वह जाएगी
तौ गमिष्यतः वे दोनों जायेंगे

ते गमिष्यतः वे दोनों जाएँगी
ते गमिष्यन्ति वे लोग जायेंगे

ता गमिष्यन्ति वे लोग जाएँगी
मध्यम पुरुष त्वम् गमिष्यसितुम जाओगे या जाओगी  युवाम गमिष्यथः तुम दोनों जाओगे या जाओगी यूयम गमिष्यथ तुम लोग जाओगे या जाओगी  
उत्तम/अन्य पुरुष अहम् गमिष्यामि मैं जाऊंगा या जाउंगी आवाम गमिष्यावः हम दोनों जायेंगे या जायेंगीवयम गमिष्यामः हम लोग जायेंगे या जायेंगी

हिन्दी – संस्कृत वाक्य अनुवाद

Hindi vakyaHindi to sanskrit anuvad
क्या तुम दोनों विद्यालय जाओगे।  किम् युवाम् विद्यालयं गमिष्यथः
कल हम लोग पिता के साथ पटना जायेंगे।  श्वः वयं पित्रा सह पाटलिपुत्रं गमिष्यामः
हम दोनों अध्यापक से संस्कृत पढ़ेंगे।  आवाम अध्यापकात्त् संस्कृतं पठिष्यामः
आज वर्षा अवश्य होगी।  अद्य दृष्टि: अवश्यं भविष्यति
मैं आज सभा में अवश्य ही बोलूँगा।  अहम् अद्य सभायां अवश्यमेव वदिष्यामि
हम लोग खाना खाकर विद्यालय जायेंगे।  वयम भोजनं खादित्वा विद्यालयं गमिष्यामः
मैं शाम को अख़बार पढूंगा।  अहम् सायं काले समाचार पत्रं पठामि
मैं तुम्हे पुस्तक दूंगा।  अहम् त्वां पुस्तकं दास्यामि
वह घर जाएगी।  सा गृहं गमिष्यति
वे सब फल खायेंगे।  ते फलानि खादिष्यन्ति

Translate Sanskrit to Hindi App – Lot Lakar (आज्ञा – अनुज्ञा Order)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथम पुरुष  सः वदतु वह बोले।

सा वदतु वह बोले।
तौ वदताम्। वेदोनों बोलें।

ते वदताम्। वेदोनों बोलें।
ते वदन्तु। वेलोग बोलें।

ता वदन्तु वेसब बोलें।
मध्यम पुरुष  त्वम् वद तुम बोलो।युवाम् वदतम् तुमदोनों बोलो।यूयम् वदत् तुमलोग बोलो।
उत्तम/अन्य पुरुष  अहम् वदानि मैं बोलूं।आवाम् वदाव हमदोनों बोलें।वयम् वदाम हमसब बोलें।

हिन्दी से संस्कृत अनुवादLot Lakar

हिन्दी वाक्य हिन्दी से संस्कृत अनुवाद
तुमलोग संस्कृत पढ़ो।  यूयम् संस्कृतं पठत्
वेलोग भाषण सुनें।  ते भाषणं श्रृण्वन्तु
हमलोग पके फल खाएं।  वयं पक्वानि फलानि खादाम
सबलोग शांत होकर बैठें।  सर्वे शांतं भूत्वा उपविशन्तु 
गाय को मैदान में चराओ।  गां क्षेत्रे चारय
मेरे लिए दूध लाओ।  मह्यम् दुग्धम् आनय
शिक्षक समय पर विद्यालय जाएँ।  शिक्षकः निश्चित् काले विद्यालयं गच्छतु।
तुमलोग यहाँ मत बैठो।  यूयम् यत्र न तिष्ठत।
सभी छात्र एक साथ मैदान में गेंद खेले।  सर्वे छात्राः युगपत् क्षेत्रे कन्दुकं खेलन्तु।
आपलोग मेरे घर अवश्य आएं।  भवन्तः मम गृहे अवश्यं आगन्तु।

Hindi to Sanskrit Translation – Vidhiling Lakar (चाहिए या इच्छाबोधक Should)

पुरुष एकवचन द्विवचन बहुवचन
      प्रथम पुरुष  सः हसेत। उसे हँसना चाहिए।

सा हसेत। उसे हँसनी चाहिए।
तौ हसेताम्। वे दोनों को हँसना चाहिए।

ते हसेताम्। वे दोनों को हँसनी चाहिए।
ते हसेयु: । वे लोगों को हँसना चाहिए।

ता हसेयु: । वे लोगों को हँसनी चाहिए।
    मध्यम पुरुष  त्वम् हसे: तुम्हे हँसना चाहिए।युवाम् हसेतम् तुमदोनों को हँसना चाहिए।युयम् हसेत् तुमलोगों को हँसना चाहिए।
  उत्तम/अन्य पुरुष  अहम् हसेयम मुझे हँसना चाहिए।आवाम् हसेव हम दोनों को हँसना चाहिए।वयम् हसेम हम लोगों को हँसना चाहिए।

Anuvad in Sanskrit

hindi anuvadsanskrit anuvad
हमलोगों को अपना पाठ मन से याद करना चाहिए।  वयम् स्वकीयं पाठम् मनसा पठेम
तुमलोगों को घर जाना चाहिए।  यूयम् गृहं गच्छेत्
यहाँ गरीब लोगों को नहीं रहना चाहिए।  यत्र दीनाः जनाः न वसेयु:
आज हमलोगों को पटना चलना चाहिए।  अद्य वयं पाटलिपुत्रं चलेम
हमें मन से संस्कृत पढ़ना चाहिए।  वयम् मनसा संस्कृतं पठेम
लड़कों को अपना पाठ याद करना चाहिए।  बालकाः स्वकीयं पाठं स्मरेयु:
वेलोगों को शीघ्र ही घर जाना चाहिए।  ते शीघ्रमेव गृहं गच्छेयु:
तुमदोनों को दूसरों की निंदा नहीं करना चाहिए।  तौ परेषाम् निन्दः न कुर्यातम्
उसे अपना काम स्वयं ही करना चाहिए।  सः स्वकीयं कार्यं स्वयमेव कुर्यात्
सज्जन लोग हमारे घर पर अवश्य आवें।  सज्जनाः स्माकं गृहे अवश्यं आगच्छेयु:

Sanskrit mei Anuvad – “अपि” (भी) संस्कृत अनुवाद

“अपि” शब्द समुच्चयबोधक अव्ययव शब्द कहलाता है। यथा – त्वं अपि पठसि = तुम भी पढ़ते हो

लेकिन “अपि” शब्द किसी वाक्य के प्रारंभ में आता है तो वह Question Words बन जाता है औए उसका अर्थ होता है – “क्या”

हिन्दी वाक्य संस्कृत में अनुवाद
क्या आप विद्यालय जाते हैं?  अपि भवान् विद्यालयं गच्छसि?
क्या आप किताब पढ़ते हैं?  अपि भवान् पुस्तकं पठसि?
क्या वह सत्य बोलता है?  अपि सः सत्यं वदति?
क्या आप चिठ्ठी लिखते हैं?  अपि भवान् पत्रं लिखसि?
क्या वेदोनों बोलते हैं?  अपि तौ वदतः?
तुम भी खेलते हो।  त्वं अपि क्रीडसि
वह भी गिरता है।  सः अपि पतति
हमलोग भी आम खाते हैं।  वयं अपि आम्रम् खादामः
उसे भी रामायण पढ़ना चाहिए।  सः अपि रामायणं पठेत
तुम भी विद्यालय जाओ।  त्वं अपि विद्यालयं गच्छ

Sanskrit Mein Anuvad – विशेष्य/विशेषण का प्रयोग

जिस प्रकार कर्तृवाच्य में Verb, Subject के अनुसार होती है। ठीक उसी प्रकार विशेष्य के अनुसार विशेषण का प्रयोग होता है। विशेष्य के Ling, Karak, Aur Vachan के अनुसार विशेषण के भी Ling, Karak, Aur Vachan होते हैं।

कारक हिन्दी वाक्य संस्कृत अनुवाद
कर्ता कारक श्याम चतुर लड़का है।  श्यामः चतुरः बालकः अस्ति
 गीता सुशील लड़की है।  गीता सुशीला बालिका अस्ति
कर्मकारक संतोष सुन्दर चित्र देखता है।संतोषः सुन्दरं चित्रं पश्यति  
 गणेश उत्तम पुस्तक पढ़ता है।  गणेशः उत्तमं पुस्तकं पठति
कारणकारक उमेश अपने कलम से लिखता है।  उमेशः निजेन कलमेन लिखति
 तुमलोग हमेशा पराई कलम से लिखते हो।यूयम सर्वदा परेण कलमेन लिखथ  
सम्प्रदानकारक गरीब लोगों को दान देना चाहिए।दीनेभ्यः जनेभ्यः दानं दातव्यम्
 गरीब लोगों को धन देना चाहिए।  दीनेभ्यः जनेभ्यः धनं दातव्यम्
अपादानकारक हमलोग योग्य अध्यापक से पढ़ते हैं।  वयम योग्यात् अध्यापकात् पठामः
 राधा योग्य लड़का से ब्याह करती है।  राधा योग्यात् बालकात् विवाहः करोति
सम्बन्धकारक घनश्याम चतुर छात्रों का संगत करता है।  घनश्यामः चतुराणाम् छात्राणाम् संगतिम् करोति
    
अधिकरण कारकतुम विशाल शहर में रहते हो।त्वम् विशाले नगरे निवससि
 वेलोग टूटी झोपड़ी में रहते हैं।  ते जीर्णे-शीर्णे कुटियां निवसन्ति
संबोधन प्यारे छात्रो ! तुम क्या खाते हो ?  प्रियाः छात्राः ! यूयं किम् खादथ
 प्रिये दोस्त ! नमस्ते!  प्रिये सखा ! नमस्कार:!
Hindi to Sanskrit Translation

Sanskrit Mein Anuvad Kare – As and Bhoo Dhatu का प्रयोग

पूरक विशेषण शब्दों के साथ As and Bhoo Dhatu का प्रयोग होता है।

यथा – अस्ति, अस्तः, सन्ति

  •  भवति, भवतः, भवन्ति
Hindi sentenceसंस्कृत अनुवाद
मेरे गाँव के तालाब सूखे हैं।  मम ग्रामः सरोवरा: (जलाशयाः, तडागा:) शुष्का: सन्ति
यह बकरी काली है।  इयं अजा कृष्णा (श्यामा) अस्ति
मेरे दो भाई सुशील हैं।  मम भ्रातरौ सुशीलौ स्तः
वह लड़की अति सुन्दर है।  सा बालिका अति सुन्दरः अस्ति
तुम्हारे दो भाई चतुर हैं।  तव भ्रातरौ चतुरौ स्तः
गंगा का जल शुद्ध होता है।  गंगायाः जलं पवित्रः भवति
इस तालाब का जल मीठा है।  अस्य सरोवरस्य जलं मधुरं भवति
इस आम का फल मीठा है।  अस्य आम्रस्य फलं मधुरं अस्ति
हाथी विशाल और मोटा जानवर होता है।  गजः विशालः स्थूल: च पशुः भवति
पेड़ में फल होते हैं।  वृक्षे फलानि भवन्ति

Sanskrit translation – Kridant Pratyay का विशेषण के रूप में प्रयोग

वर्तमान काल के अर्थ में कृदन्ततीय (शतृ) प्रत्यय के लगने से जो क्रिया बनती है वह (हुआ) अर्थ का बोध होता है जो विशेषण के रूप में प्रयोग किया जाता है।

यथा – गम् + शतृ – गच्छत् = जाता हुआ (नपुंसक)

                   – गच्छन् = जाता हुआ (पुलिंग)

                   – गच्छती = जाती हुई (स्त्रीलिंग)

hindi vakyasanskrit translation
दौड़ता हुआ राम घोड़े से गिर गया।  धावन् रामः अश्वात् अपतत्
हँसती हुई सीता को देखों।  हसन्तीम् सीताम् पश्य
सूखता हुआ बालक मोटा हो गया।  शुष्यत् बालकः स्थूलं अभवत्
गाती हुई लड़कियाँ विद्यालय में जाती हैं।  गायन्त्त्यः बालिकाः विद्यालये गच्छन्ति
माता रोते हुए बालक को खिलाती है।  माता रुदन्तं बालकं खादयति
गरजता हुआ सिंह गुफा में जाता है।  गर्जन् सिंहः गुहां गच्छति
नाचते हुए पक्षियों को देखो।  नृत्यतः खगाः पश्य
छात्र पढ़ता हुआ सो गया।  छात्रः पठन् सुप्तवान्
दौड़ते हुए दो घोड़ों को देखो।  धावन्तौ अश्वौ पश्य
धन पाते हुए ब्राहमण को देखो।  धनं लब्धमानम् ब्राह्मणं पश्य

Hindi to Sanskrit Translation –कर्ता कारक “प्रथमा विभक्ति” का प्रयोग

कर्त्तरि प्रथमा – कर्ता कारक में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग किया जाता/ होता है।

हिन्दी वाक्य हिन्दी – संस्कृत अनुवाद
दीपक संस्कृत पढ़ता है।  दीपकः संकृतं पठति
लड़का गेंद खेलता था।  बालकः कन्दुकं अखेलत्
तुम घर जाओगे।  अहम् गृहं गमिष्यसि
मुझे किताब पढ़ना चाहिए।  अहम् पुस्तकं पठेयम्
वह मिठाई खाए।  सः मिष्ठानं खादतु

उक्ते कर्मणि “प्रथमा

उक्ते कर्मणि प्रथमा – कर्म वाच्य के उक्त कर्म में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है एवं कर्ता में तृतीया विभक्ति का प्रयोग होता है।

हिन्दी वाक्य संस्कृत अनुवाद
राम ने रावण को मारा।  रामेण रावणः हतः
सीता ने राम को देखी।  सीतया रामः अपश्य
अध्यापक ने छात्र को पिटा।  अध्यापकेन छात्रः ताडयते
कृष्ण के द्वारा चन्द्रमा देखा गया।  कृष्णेन चन्द्रः दृश्यते
रुपेश के द्वारा पाठ पढ़ा गया।  रुपेशेन पाठः पठ्यते

Sanskrit to Hindi Translation – द्वितीया विभक्ति

कर्मणि द्वितीया – Kartrivachy के अनुक्त कर्म में “Dvitiya Vibhakti” का प्रयोग किया जाता है।

Hindi sentence sanskrit translation
राम सिनेमा देखता है।रामः चलचित्रं पश्यति  
रूपा रोटी खाती है।  रूपा रोटिकां खादति
वह शहर गया।  सः नगरं अगच्छत्
दो लड़के गेंद खेलेंगे।   बालकौ कन्दुकं खेलिष्यतः
तुम विद्यालय जाओ।  त्वं विद्यालयं गच्छ

क्रिया विशेषणे द्वितीया

क्रिया विशेषणे द्वितीया – क्रिया विशेषण में “Dvitiya Vibhakti” का प्रयोग किया जाता है।

हिन्दी वाक्य संस्कृत में अनुवाद
वह धीरे – धीरे रोता है।  सः मन्दं मन्दं रुदति 
हाथी धीरे – धीरे दौड़ता है।  गजः मन्दं मन्दं धावति
वायु धीरे – धीरे बहती है।  वायुः मन्दं मन्दं वहति
तुमदोनों मधुर गाते हैं।  युवाम मधुरं गायथ:
पानी धीरे – धीरे वर्षता हैं।  जलः मन्दं मन्दं वर्षति

सर्वतः परितः , उभयतः, अभितः योगे द्वितीया

सर्वतः परितः, उभयतः, अभितः योगे द्वितीया – इसका तात्पर्य यह हुआ कि सर्वतः (सभी ओर), परितः ( चारों ओर), उभयतः (दोनों ओर),अभितः (दोनों ओर) के योग में इन शब्दों के साथ “द्वितीया विभक्ति” का प्रयोग किया जाता/होता है।

हिन्दी वाक्य हिन्दी से संस्कृत अनुवाद
घर के दोनों ओर वृक्ष हैं।  गृहं अभितः वृक्षाः सन्ति
पर्वत के दोनों ओर सड़के हैं।  पर्वतं उभयतः राजमार्गा: सन्ति
विद्यालय के चारो ओर खेत है।  विद्यालयं परितः क्षेत्रा: सन्ति
गाँव के सभी ओर पेड़ हैं।  ग्रामं सर्वतः वृक्षाः सन्ति
सड़क के दोनों ओर नदी है।  राजमार्गं अभितः नद्यौ स्तः
कालाध्वनोरत्यन्त संयोगे द्वितीया

कालाध्वनोरत्यन्त संयोगे द्वितीया – कालवाची और मार्गवाची शब्दों में यदि अति लगाओ या अत्यंत संयोग (अत्यंत निकटता का बोध) हो तो उसके योग में कालवाची और मार्गवाची शब्दों के साथ “द्वितीया विभक्ति” का प्रयोग होता है।

हिन्दी वाक्य संस्कृत अनुवाद
दिनभर में रामायण पढ़ लिया।  दिवसं रामायणं अपठत्
महीनेभर में अध्ययन कर लिया।  मासं अध्ययनं अकरोत्
कोस भर मार्ग टेढ़ी-मेढ़ी है।  क्रोशं मार्गं कुटिला अस्ति
निरंतर एक योजन तक चन्दन चला।  निरन्तरं एकं योजनं चन्दन: चलति

Hindi to Sanskrit Translation Google – तृतीया विभक्ति का प्रयोग

कर्तृ करणयोस्तृतीया – कर्मवाच्य के अनुक्त कर्ता और करण कारक में तृतीया विभक्ति होती है और धातु रूप आत्मनेपदी होता है।

hindi sentence hindi – sanskrit translation
राम के द्वारा बाण से रावण मारा गया।  रामेन बाणेन रावणः हतः
शिष्य के द्वारा संस्कृत किताब पढ़ा जाता है।    शिष्येण संस्कृतेन पुस्तक: पठ्यते
पवन के द्वारा ग्रन्थ पढ़ा जाता है।  पवनेंन ग्रन्थः पठ्यते
तुम्हारे द्वारा हँसा जाता है।  त्वया ह्स्यते

येनांग विकारः

येनांग विकारः – जिन अंगवाचक शब्दों यानि मानव शरीर में विकार दृष्टिगोचर हो, उन अंगवाचक शब्दों के योग में तृतीया विभक्ति का प्रयोग होता है।

हिन्दीसंस्कृत
श्याम कान से बहरा है।श्यामः कर्णेने बधिरः अस्ति  
वह आँख का काना है।सः नेत्रेन् काणः अस्ति  
शंकर पैर से लंगड़ा है।  शंकरः पादेन लुन्जः अस्ति
तुमदोनों पीठ से कुबड़ा हो।  युवाम पृष्ठेन कुब्जः अस्थः
लड़का दिमाग से हलका था।  बालकः मस्तिष्केन् विक्षिप्तः आसीत

सहार्थे तृतीया (सहयुक्तेsप्रधाने)

सहार्थे तृतीया (सहयुक्तेsप्रधाने) – “साथ” शब्द के लिए संस्कृत में या संस्कृत अनुवाद बनाने के लिए सह, साकम्, सार्धम् शब्द का प्रयोग किया जाता है. इसलिए सह आदि के योग में तृतीया विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

hindi vakya sanskrit translation
राम के साथ सीता वन गयी।  रामेण सह सीता वनं अगच्छत्
मेरे के साथ आप भी देखें।  मया साकम् भवानं अपि पश्य
उसके साथ रामेश घर जाता है।  तेन सार्धम् रमेशः गृहं गच्छति
शिक्षक के साथ लड़के भी खेलते हैं।  अध्यापकेन सह बालकाः अपि खेलन्ति
पिता के साथ बालक शहर जाता है।  पित्रा सह बालकः नगरं गच्छति  
पृथक्, विना, नाना योगे द्वितीया/तृतीया/पञ्चमी च

पृथक्, विना, नाना योगे द्वितीया/तृतीया/पञ्चमी च – पृथक, बिना और नाना के योग में विकल्प से या इन शब्दों के साथ द्वितीया/ तृतीया/पंचमी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

हिन्दी वाक्यहिन्दी संस्कृत अनुवाद
ज्ञान के बिना सम्मान नहीं मिलता है। (द्वितीया)  ज्ञानं विना सम्मानः न मिलति
तृतीया  ज्ञानेन विना सम्मानः न मिलति
पञ्चमी  ज्ञानात् विना सम्मानः न मिलति
जल के बिना जीवन अधुरा है। (द्वितीया)  जलं विना जीवनः अपूर्ण: अस्ति
तृतीया  जलेन विना जीवनः अपूर्ण: अस्ति
पञ्चमी  जलात् विना जीवनः अपूर्ण: अस्ति

Hindi to Sanskrit Translation – चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग

रुच्यार्थानां प्रीयमाण: – “रुच्य” धातु के योग में जिस व्यक्ति को वस्तु अधिक प्यारी हो, उस स्थिति में कर्ता के साथ चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

हिंदी वाक्यसंस्कृत अनुवाद
मुझे फल अच्छा लगता है।  मह्यम् फलं रोचते
हरि को लड्डू अच्छा लगता है।  हरये मोदकं रोचते
मुझे मिठाई बहुत अच्छा लगता है।  मह्यं मिष्ठानं अतीव रोचते
लड़कों को दूध अच्छा लगता है।  बालकेभ्यः दुग्धं रोचते
यह गाँव मुझे बहुत अच्छा लगता है।  इदं ग्रामं मह्यं अत्यधिकं रोचते

दानार्थे चतुर्थी

दानार्थे चतुर्थी – जिसे कोई वस्तु दानस्वरूप दिया जाए या दान के अर्थ में चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

hindi sentence sanskrit translation
राजा ब्राह्मण को गाय देता है।  राजा ब्रह्मणाय गां ददाति
गरीब को वस्त्र दो।  दीनाय वस्त्रं देहि
ब्राह्मण को अंगवस्त्र दो।  ब्रह्मनाय अंगवस्त्रम् देहि
शिक्षक छात्रों को जीवन देते हैं।  शिक्षकः छात्राय जीवनं ददाति
राजा गरीब को भोजन देता है।  राजा दीनाय भोजनं ददाति

नमः, स्वस्ति, स्वाहा, स्वधा, अलं योगे चतुर्थी

नमः, स्वस्ति, स्वाहा, स्वधा, अलं योगे चतुर्थी – नमः, स्वस्ति, स्वाहा, स्वधा, अलं के योग में इन सभी शब्दों के साथ चतुर्थी विभक्ति का प्रयोग होता है।

हिन्दी वाक्यहिन्दी संस्कृत अनुवाद
कृष्ण को प्रणाम!कृष्णाय नमः!  
गुरु को प्रणाम!  गुरवे नमः!
लोगों का कल्याण हो।  जनेभ्यः स्वस्ति
विष्णु को स्वाहा!  विष्णवे स्वाहा!
हमारे लिए तुम प्रयाप्त हो।  त्वं अस्मभ्यं अलं असि
पितरों को स्वधा!  पितृभ्यः स्वधा!

Translate in Sanskrit to Hindi – पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग

आख्यातोपयोगे पञ्चमी – जिससे नियमपूर्वक विद्या अध्ययन किया जाए या कोई बात मनोयोग पूर्वक श्रवण किया जाए, उसे आख्यात कहते हैं और उसके योग में या इन अर्थों में पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

हिन्दी वाक्यसंस्कृत अनुवाद
वह शिक्षक से संस्कृत व्याकरण है।  सः शिक्षकात् व्याकरणं पठति
श्रोता आचार्य से पुराण कथा सुनते हैं।  श्रोतार: आचार्यात् पुराण-कथां श्रृण्वन्ति
छात्र पाठ्य पुस्तक से अध्ययन करते हैं।  छात्रा: पाठ्य पुस्तकात् अध्ययनं कुर्वन्ति
वह ब्राह्मण से गणेश कथा सुनता है।  सः ब्रह्मणात् गणेशः कथां श्रृण्वन्ति
मैं गीता से ज्ञान प्राप्त करते हूँ।  अहम् गीतायाः ज्ञानं अधिगच्छामि

पृथक् योगे पञ्चमी

पृथक् योगे पञ्चमी – पृथकता, अलगाव, हटने या दूर होने के योग में पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

हिन्दी अनुवाद संस्कृत अनुवाद
गंगा हिमालय से निकलती है।  गंगा हिमालयात् निःसरति
वह बाज़ार से घर आता है।  सः हाटात् गृहं आगच्छति
वेलोग घर से शहर गए।  ते गृहात् नगरं अगच्छन्
आम के पेड़ से पते गिरते हैं।आम्रस्य वृक्षात् पत्राणि पतन्ति  
तुम घर से रोटी खाकर जाओ।  त्वं गृहात् रोटिकां खादित्वा गच्छ

भित्रार्थाणाम् भयहेतु:

भित्रार्थाणाम् भयहेतु: – भयार्थक “भी” तथा रक्षार्थक “त्रा” धातु के योग में जिससे भय हो या रक्षा की जाय या जिन शब्दों से रक्षा या भय का बोध हो उसमें पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग होता है।

hindi translationsanskrit translation
राम सांप से डरता है।  रामः सर्पात् बिभेति
वह पाप से डरता है।  सः पापात् बिभेति
बालक कुत्ता से डरता है।  बालकः कुकुरात् बिभेति
सब पाप से डरते हैं।  सर्व पापात् त्रायन्ते
दोस्त हमलोगों को बाघ से बचाता है।  मित्रं अस्मानं व्यघ्रात् त्रायते
तुल्यार्थे पञ्चमी

तुल्यार्थे पञ्चमी – तुलना करने पर जिसे “श्रेष्ठ” बताया जाय या ऐसा अर्थ प्रतीत हो तो उसमें पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग होता है।

hindi sentencesanskrit translation
माता और जन्म भूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं।  जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी
गंगा नदी यमुना नदी से भी पवित्र है।  गंगा नदी यमुना नद्याः अपि पवित्रः अस्ति
हिमालय सभी पर्वतों से भी श्रेष्ठ है।  हिमालयः सर्व पर्वतात् अपि श्रेष्ठः अस्ति
सीता और राम दशरथ से भी श्रेष्ठ हैं।  सीता रामश्च दशरथादपि गरीयसी
अयोध्या स्वर्ग से भी श्रेष्ठ है।  अयोध्याः स्वर्गादपि गरीयसी

वारणार्थे पञ्चमी

वारणार्थे पञ्चमी – जिससे किसी को वारण (निवारण) या बचाया जाय अर्थात रक्षार्थं स्थिति में पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

hindi translationsanskrit translation
राधे बिलाड़ से दूध को बचाता है।  राधेः विडालात् दुग्धं निवारयति
गोपाल का दोस्त राम को बाघ से बचाता है।  गोपालस्य मित्रः व्यघ्रात् रामं निवारयति
तुम सांप से कुत्ते को बचाते हो।  त्वं सर्पात् कुकुरं निवारयसि
वेलोग आग से घर को बचाये।  ते अग्ने: गृहात् निवारयन्तु  
हमलोगों को बाढ़ से पशुओं को बचाना चाहिए।  वयं जलप्ल्वनात् पशवः निवारनीयम्

Hindi to Sanskrit Translation – षष्ठी विभक्ति

यतश्च निर्धारणे षष्ठी – यदि किसी व्यक्ति या वस्तु समूह में किसी एक की विशेषता बताई जाय या सर्वश्रेष्ठ का बोध हो तो उसमें षष्ठी विभक्ति होती है और विकल्प से सप्तमी विभक्ति का भी प्रयोग किया जाता है।

हिन्दी वाक्य संस्कृत अनुवाद
भारत के नदियों में गंगा श्रेष्ठ है।  भारतस्य नदीनां नदीषु वा गंगा श्रेष्ठा अस्ति
प्राचीन कवियों में कालिदास श्रेष्ठ थे।  प्राचीनतमेषु कवीनां कविषु वा कालिदासः श्रेष्ठः आसीत्
कालिदास संस्कृत कवियों में सर्वश्रेष्ठ हैं।  कालिदासः संस्कृतः कवीनां कविषु वा सर्वश्रेष्ठः अस्ति
पाणिनि संस्कृत व्याकरण में श्रेष्ठ थे।  पाणिनि: संस्कृतः व्याकरणानां व्याकरणेषु वा श्रेष्ठः आसीत्।
सीता के राम महापुरुषों में श्रेष्ठ हैं।  सीतायाः रामः महापुरुषानां महापुरुषेषु वा श्रेष्ठः अस्ति

अनादरे (सप्तमी चानादरे) षष्ठी

अनादरे (सप्तमी चानादरे) षष्ठी – यदि किसी एक काम का अनादर या तिरस्कार या अपमान कर कोई अन्य दूसरा काम किया जाय तो उसमें षष्ठी या सप्तमी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

हिन्दी अनुवादसंस्कृत अनुवाद
रोते हुए शिशु को छोड़कर दाई चली गयी।  रुदतः रुदति वा शिशो: शिशौ वा शिशुपालिका जगाम
रोते हुए लड़के को छोड़कर भाई चले गये।  रुदतः रुदति वा बालकस्य बालके वा भ्रातः जगाम
पढ़ता हुआ बालक को छोड़कर अध्यापक चले गये।  पठत् बालकस्य बालके वा अध्यापकः जगाम 
झगड़ा करते हुए छात्र को छोड़कर वेलोग चले गये।  कलहत् छात्रस्य छात्रे वा ते जगाम
रोते हुए छात्रा को छोड़कर शिक्षक चले गये।  रुदतः छात्रया: छात्रायाम् वा शिक्षकः जगाम

Anuvad in Sanskrit – सप्तमी विभक्ति

यस्य च भावेन भावलक्षणं (भावे सप्तमी) – जब एक क्रिया के काल से दुसरे क्रिया के काल का ज्ञान बोध हो तो उसमे सप्तमी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

hindi anuvadsanskrit anuvad
सूर्य के अस्त होने पर तुम घर गया।  सूर्ये अस्तं गते त्वं गृहं गतः
चिकित्सक के देखने पर हम सब घर जायेंगे।  चिकित्सके दृष्टं गते वयं गृहं गमिष्यामः
आज लोगों के देखने पर वह हँसने लगा।  अद्य जने दृष्टं गते सः हसितः
हरा वृक्ष के कटने पर पत्ते सूख गये।  हरित वृक्षे छिदम् गते पत्राणि शुष्कं गतः
विद्यालय बंद होने पर सभी शिक्षक घर गये।  विद्यालये बन्दम् गते सर्वे शिक्षकाः गृहं गतः

अधिकरणे सप्तमी

अधिकरणे सप्तमी – अधिकरण कारक में सप्तमी विभक्ति होती है या सप्तमी विभक्ति का प्रयोग किया जाता है।

हिन्दी वाक्यsanskrit to hindi
चिड़िया पेड़ पर प्रतिदिन बैठती है।  खगः वृक्षे प्रतिदिन: तिष्ठति
किसान खेत में हमेशा काम करता है।  कृषकः क्षेत्रे सर्वदा कार्यं करोति
शिक्षक विद्यालय में रोज पढ़ाते हैं।  शिक्षकाः विद्यालये नित्यदिनः पाठयन्ति
आज लड़के मैदन में खेलेंगे।  अद्यः बालकाः क्षेत्रे खेलिष्यन्ति
श्याम का गाड़ी रोड पर चल रही थी।  श्यामस्य वाहनः मार्गे अचलत्

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Conclusion

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